मनरेगा मजदूर ने गांव नूरनखेड़ा की महिला सरपंच पर मजदूरों को जातिसूचक शब्द कहने और गाली देने का आरोप लगाया। महिला मजदूर ने इस संबंध में बरोदा थाना में शिकायत दी, जिस पर सरपंच के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। मनरेगा मजदूरों ने दो-तीन दिन पहले एसडीएम को शिकायत देकर भी सरपंच के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की थी।

गांव नूरनखेड़ा की अनुसूचित जाति से संबंधित एक महिला मनरेगा के तहत काम करती है। महिला ने पुलिस को बताया कि गांव में जनस्वास्थ्य विभाग के जलघर के तालाबों की सफाई चली हुई है। १८ जनवरी को मनरेगा मजदूर वहां पर सफाई कर रहे थे। वहां पर गांव की सरपंच ऊषा देवी अपने बेटे के साथ पहुंची और मजदूरों को गाली देने लगी। आरोप है कि सरपंच ने मजदूरों को जातिसूचक शब्द कहे गए। महिला मजदूरों के चरित्र को भी अपशब्द कहे गए। पुरुष श्रमिकों ने सरपंच को रोकने की कोशिश की तो उनको भी गाली दी। जब यह मामला हुआ उस समय मेट मजदूरों की हाजिरी लेने आए हुए थे। पुलिस ने सरपंच के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया। एसीपी ऋषिकांत ने कहा कि सभी तथ्यों की जांच की जाएगी। पहले भी सरपंच का देवर व दूसरा पक्ष एक-दूसरे पर केस दर्ज करवा चुके हैं। 20 जनवरी को सरपंच के देवर की शिकायत पर मारपीट का केस दर्ज किया गया था। दूसरी तरफ मनरेगा मजदूरों ने एसडीएम से मिलकर भी सरपंच के विरुद्ध शिकायत की थी। मनरेगा मजदूरों ने कहा था कि उन्हें लंबे समय बाद काम मिला था और वह भी बंद करवाने की कोशिश की जा रही है।

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