अफगानिस्तान में तीन हफ्तों से लगातार भारी बारिश हो रही है जिसके कारण 370 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 1600 लोग घायल हैं। तालिबानी अधिकारियों के मुताबिक, सबसे ज्यादा नुकसान घोर प्रांत में हुआ है। यहां शनिवार (18 मई) को बाढ़ से 60 लोगों की मौत हो गई। हालात की गंभीरता को देखते हुए तालिबानी सरकार ने वायुसेना को लोगों की मदद के लिए भेज दिया है।
तालिबान के प्रवक्ता मावलवी अब्दुल ने बताया कि इलाके में अभी भी कई लोग लापता हैं। खराब मौसम के कारण घायलों तक मदद पहुंचाने में बचाव दल को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। अफगानिस्तान के बदख्शां, घोर, बगलान और हेरात समेत पूरे अफगानिस्तान में अब तक 6 हजार से ज्यादा घर बह चुके हैं।
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) ने 12 मई को बताया था कि अचानक आई बाढ़ ने अफगानिस्तान को तबाह कर दिया। अकेले बगलान में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहां अभी भी 100 से ज्यादा लोग लापता हैं।
अफगानिस्तान के मौसम विभाग के मुताबिक, खतरा अभी टला नहीं है। वहां 19 और 20 मई को भी भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने 16 शहरों में को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है। बाढ़ के कारण घोर में 800 साल पुरानी जाम की मीनार को नुकसान पहुंचाया है। ये दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची मीनार है।
BBC के मुताबिक, अफगानिस्तान में बाढ़ से खेती की जमीन पर कीचड़ ने सारी फसलों को बर्बाद कर दिया है। अफगानिस्तान की 80% आबादी खेती पर निर्भर है। तालिबान सरकार ने अंतररार्ष्ट्रीय संस्था से मदद मांगी हैं। सरकार का कहना है कि अगर मदद नहीं की गई तो हजारों लोग भूखे मर जाएगे।

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