पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा शिक्षा बोर्ड पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है| हाईकोर्ट ने बोर्ड की कार्यप्रणाली को असंवेदनशील करार दिया।मामला 2019 में आयोजित हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (H.TET) से जुड़ा है, जहां एलर्जी के कारण आवेदक की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं हो सकी थी और उसका परिणाम रद्द कर दिया गया था।
क्या है मामला
आवेदक ने हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा 2019 के लिए आवेदन किया था। परीक्षा के दिन, आवेदक को फंगल एलर्जी थी, इसलिए उसकी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाई।इस स्थिति को देखते हुए परीक्षा केंद्र के नियंत्रक ने मैनुअल उपस्थिति दर्ज कर परीक्षा देने की अनुमति दी थी। लेकिन जब परिणाम घोषित हुआ, तो आवेदक को बताया गया कि उसका परिणाम रद्द कर दिया गया है क्योंकि उसकी बायोमीट्रिक उपस्थिति नहीं हो पाई थी।इस कारण आवेदक के करियर के 5 साल खराब हो गए थे।
हाई कोर्ट का फैसला
न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए बोर्ड की कार्यप्रणाली को असंवेदनशील करार दिया।बोर्ड की उसके “असंवेदनशील रवैये” के लिए तीखी आलोचना की, तथा याचिकाकर्ता के करियर को बुरी तरह प्रभावित करने वाली बात कही, शिक्षा बोर्ड पर 1 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। न्यायालय ने बोर्ड जुर्माना को अदा करने के अलावा एक माह में परीक्षा परिणाम भी जारी करने के आदेश दिए हैं| जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी ने आदेश में कहा कि परीक्षा का परिणाम रद्द करने का कारण बायोमेट्रिक मशीन का फेल होना है। जस्टिस पुरी ने कहा कि याची ने नवंबर 2019 में परीक्षा दी थी। उसका परीक्षा परिणाम रद्द होने के कारण करियर का काफी नुकसान हुआ है।