संबोधन की 5 अहम बातें…
1. असेसमेंट वर्ष (AY 2024-25) के दौरान 31 जुलाई, 2024 की डेडलाइन तक रिकॉर्ड 7.28 करोड़ आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल किए गए। यह पिछले वर्ष (AY 2023-24) की समान अवधि के 6.77 करोड़ रुपये से 7.5% अधिक है।
2. वित्त मंत्री ने कहा, यह एक विकल्प है। हम लोगों पर दबाव नहीं डाल रहे है। भारत का डायरेक्ट टैक्सेशन करदाताओं की जरूरतों को समझता है। हम सिर्फ करदाताओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
3. वित्त मंत्री ने कर अधिकारियों को करदाताओं को भेजे जाने वाले नोटिस या पत्रों में सरल भाषा और सरल शब्दों का उपयोग करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपनी शक्तियों का उपयोग समझदारी से करना चाहिए।
4. सीतारमण ने देश की अर्थव्यवस्था को समर्थन देने वाले करदाताओं को बधाई दी और इस साल पहली बार टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले 58.57 लाख लोगों का जिक्र किया है।
5. वित्त मंत्री ने आगामी सुधारों का भी संकेत देते हुए कहा कि कर संहिता के कुछ हिस्सों को छह महीने के भीतर सरल बनाया जाएगा।
नई कर प्रणाली:
इस बार बजट में 3 लाख रुपए तक की सालाना आय पर टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, 3 लाख से 6 लाख रुपए तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स देना होगा। मान लीजिए किसी व्यक्ति की वार्षिक आय 7 लाख रुपए है। नई कर प्रणाली के तहत 3 लाख रुपए तक की आय कर-मुक्त है। ऐसे में आपको बचे हुए 4 लाख रुपए में से 3 लाख रुपए पर 5% की दर से 15,000 रुपए का भुगतान करना होगा। दूसरी ओर, यदि राशि 1 लाख रुपए है, तो 10% कर लगेगा, अर्थात 10 हजार रुपए टैक्स लगेगा। दूसरे शब्दों में, कुल कर 25,000 हुआ। हालांकि, इस योजना के तहत, सरकार अनुच्छेद 87A के तहत 7 लाख रुपए तक की आय को कर से छूट देती है। हालाँकि, यहाँ भी एक पेंच है। अगर आपकी कमाई 7 लाख रुपए से एक रुपए भी ज्यादा हुई तो आपको एक रुपए की जगह 4,00,001 रुपए पर टैक्स देना होगा। 3 लाख रुपए का टैक्स हटाकर बाकी 40001 रुपए पर अब 3 लाख रुपए पर 5% की दर से 15,000 रुपए और बाकी 1 लाख रुपए पर 10% की दर से 10,000.10 रुपए देने होंगे। इसका मतलब है कि कुल टैक्स देनदारी 25,000.10 रुपए है।