Haryana News: हरियाणा के नूंह जिले की ग्राम पंचायतों में निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध विभिन्न प्रकार की शिकायतों पर प्रशासनिक कार्रवाई जारी है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ने वालों के विरुद्ध सबसे ज्यादा शिकायतें हुई है। इसी कड़ी में संज्ञान लेते हुए जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने जिले की छह ग्राम पंचायत से निर्वाचित सरपंचों के विरुद्ध कार्रवाई कर दी। इनमें दो पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता मिलने पर कार्रवाई की गई है, जबकि चार के शैक्षणिक दस्तावेज जांच में फर्जी मिले हैं।
ग्राम पंचायत रोजकामेव व डूंगेजा सरपंच पर भ्रष्टाचार के आरोप थे जबकि ग्राम पंचायत सालाका, सिरौली, आँधाकि और बढाह की महिला सरपंचों के शैक्षणिक दस्तावेज जांच में फर्जी पाए जाने को लेकर कार्रवाई हुई है। डूंगेजा सरपंच को निलंबित किया गया बाकी को बर्खास्त करने के आदेश जारी हुए हैं।
जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा द्वारा जारी आदेश के अनुसार ग्राम पंचायत सालाका सिरौली, आंधाकी और बढाह की निर्वाचित हुई महिला सरपंचों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ा था।सिरौली, आंधाकी और बढाह की तीनों सरपंचों ने नामांकन पत्रों में जो अपने आठवीं के शैक्षणिक दस्तावेज लगाए थे वह सभी मथुरा उत्तर प्रदेश लक्ष्मी नगर के प्रेम बाल जूनियर हाई स्कूल के नाम पर जारी हुए थे।
मामले में की गई शिकायत की जांच हुई तो यह खुलासा हुआ। उत्तर मथुरा से संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी ने अपनी जांच में बताया कि उपरोक्त दस्तावेजों के संबंध में कोई भी रिकॉर्ड नहीं मिला। इसी प्रकार सालाका की महिला सरपंच ने नामांकन पत्रों में फर्जी दस्तावेज लगाए थे।
जिनके दस्तावेजों में जांच के दौरान भारी गड़बड़ी मिली।अलग-अलग स्कूलों में उनका पंजीकरण मिला। जांच के दौरान नूंह डीसी की ओर से आरोपी महिला सरपंचों को कई बार पत्राचार करने कर अपना पक्ष रखने और जांच में सहयोग के लिए तलब किया लेकिन महिला सरपंच जांच में शामिल नहीं हुई।
आखिर में चेतावनी भी दी गई कि यदि अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए उपस्थित नहीं हुए तो कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में यह तय माना जा रहा था कि इन सरपंचों पर गाज गिरेगी। ग्राम पंचायत रोजकामेव में 25 करोड़ रुपए के गबन को लेकर मामला पहले ही उजागर था।
सरपंच दीन मोहम्मद को पहले ही निलंबित किया गया था लेकिन आयुक्त फरीदाबाद मंडल द्वारा 20 दिसंबर को जारी एक आदेश में एक माह की सुनवाई का मौका दिया। इस दौरान सरपंच से संबंधित भ्रष्टाचार मामले में अपना पक्ष रखने के लिए के लिए पत्राचार किया गया लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया। जिसके चलते बर्खास्त किया गया।
इसी प्रकार डूंगेजा ग्राम पंचायत की महिला सरपंच पर एक पंच के फर्जी हस्ताक्षर कर पीआरआई खाते से भारी भरकम राशि निकालने की शिकायत मिली थी। जिसकी जांच की गई, लेकिन सरपंच जांच के दौरान कोई संतोषजनक पक्ष नहीं रख सकी। इस प्रकार दो ग्राम पंचायत के सरपंचों पर भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई की गई तो चार महिला सरपंचों के शैक्षणिक दस्तावेजों को जांच में फर्जी पाए जाने पर कार्रवाई हुई है। जिला उपायुक्त ने फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर निर्वाचीत सरपंचों और संबंधित शैक्षिक संस्थानों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का भी आदेश दिया है।