farmers protest to delhi

Kisan Protest: किसानों के दिल्ली कूच की सारी अपडेट, जानिए एक क्लिक में किसानों ने पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया।

फतेहगढ़ साहिब से शंभु बॉर्डर की दूरी करीब 50 किलोमीटर है। सम्भव है 2 बजे के आसपास किसान हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर पहुंच जाएंगे।
दिल्ली: किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन का गेट बंद किया गया।
गुरुग्राम, हरियाणा: किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर यातायात बाधित है।

दिल्ली: आज किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च से पहले झाड़ोदा बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाई गई।
फतेहगढ़ साहिब, किसान संगठनों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च पर किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “…कांग्रेस हमें कोई सपोर्ट नहीं करती है। हम कांग्रेस को भी उतना ही दोषी मानते हैं जितनी भाजपा दोषी है… हम किसी के पक्ष वाले लोग नहीं हैं। हम किसान और मजदूर की आवाज उठाने वाले लोग हैं।”

फतेहगढ़ साहिब, किसान संगठनों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च पर किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “… हमने कल की बैठक में एक समाधान खोजने की कोशिश की ताकि हम सरकार से टकराव से बचे और हमें कुछ मिले… हमने कल उनके सामने हरियाणा की स्थिति रखी…पंजाब और हरियाणा के लोगों पर अत्याचार हो रहा है… ऐसा लगता है कि ये दोनों राज्य अब भारत का हिस्सा नहीं हैं, इन्हें अंतर्राष्ट्रीय सीमा माना जा रहा है…”
दिल्ली: आज किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च से पहले सिंघु बॉर्डर पर भारी सुरक्षा तैनात की गई।

छत्तीसगढ़: किसान संगठनों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च पर कांग्रेस महासचिव(संचार) जयराम रमेश ने कहा, “मोदी सरकार की ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है कि वे(किसान) दिल्ली ना आएं… ये मोदी सरकार की मंशा को दर्शाता है कि किस गैरलोकतांत्रिक तरीके से किसानों को रोका जा रहा है। जब प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिया था तो उन्होंने किसान संगठनों से कुछ वादे किए थे जो पूरे नहीं हुए… ”
अंबाला, हरियाणा: किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ाई गई।

अंबाला, हरियाणा: SP सिटी-पटियाला, मोहम्मद सरफराज ने आज किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च से पहले दिल्ली की शंभू सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
दिल्ली: दिल्ली ईस्टर्न रेंज के ज्वाइंट CP सागर सिंह कलसी ने कहा, “किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च को लेकर हमने बहुत कड़े इंतजाम किए हैं… हमारा लक्ष्य है कि किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से रोका जाए और ट्रैफिक को लेकर असुविधा ना हो… हमारी पूरी कोशिश है कि हम इस स्थिति से शांतिपूर्ण निपट लेंगे…”
दिल्ली: आज किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च से पहले सिंघू बॉर्डर पर यातायात बाधित हुआ।
पंजाब: पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “लगभग 5 घंटे तक हमारी मंत्रियों के साथ बैठक चली। हमने उनके सामने एक एजेंडा रखा था लेकिन केंद्र सरकार किसी भी बात पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकी। केंद्र सरकार हमसे समय मांग रही है। उन्होंने हमसे 2 साल पहले भी समय मांगा था, जब किसान आंदोलन खत्म हुआ था। अगर कोई ठोस प्रस्ताव होता तो हम समय देने के बारे में सोचते लेकिन उनके पास कुछ भी नहीं है…हमने उनसे कहा कि सरकार ऐलान कर दे कि वे MSP खरीद की गारंटी का कानून बनाएंगे… लेकिन इसपर भी सहमति नहीं बनी।”

दिल्ली: दिल्ली ईस्टर्न रेंज के एडिशनल CP सागर सिंह कलसी ने कहा, “किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च को लेकर हमने बहुत कड़े इंतजाम किए हैं… हमारा लक्ष्य है कि किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से रोका जाए और ट्रैफिक को लेकर असुविधा ना हो… हमारी पूरी कोशिश है कि हम इस स्थिति से शांतिपूर्ण निपट लेंगे…”

फतेहाबाद -पंजाब के बॉर्डर पर हरियाणा  में किसानों को रोकने के लगाई जा रही नुकीली कीलें।
किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉली को रोकने के लिए पुलिस का नुकीला इंतजाम।

पिछले दो दिनों से हरियाणा और पंजाब के रास्ते है बंद
हरियाणा पुलिस ने भी सड़क पर रखे कंटेनर और भारी भरकम बैरिकेड।
टोहाना में 3 लेयर और फतेहाबाद के हांसपुर गांव 6 लेयर लगा कर किसानों को रोकने का प्रयास किया जाएगा
एक और जहां वाटर केनन और अश्रु गैस के गोले छोड़ने की गाडियां भी मोजूद है
सी आर पी एफ के साथ भारी पुलिस मोजूद है

किसान आंदोलन को लेकर पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर और का बयान
पंजाब के किसान दिल्ली को घेरने के लिए एक बार फिर से दिल्ली कुछ करने को तैयार है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के नेता विपक्षी पार्टियों द्वारा उकसाने का आरोप लगा रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने आरोप लगाया है कि इस आंदोलन के पीछे आम आदमी पार्टी व कांग्रेस शामिल है। क्योंकि उनकी राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने किसानों को सम्मान दिया है। यही नहीं उन्होंने कहा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को उस समय किसानों की याद नहीं आई जब स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करनी थी। लेकिन भाजपा ने तो एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देकर किसानों का सम्मान किया है। जहां तक एमएसपी लागू करने की बात है तो हरियाणा में 14 फसलों पर एमएसपी के दाम लागू है। लेकिन पंजाब सरकार यह बताएं कि वह कितनी फसलों पर एमएसपी दे रहे हैं। इससे साफ जाहिर है कि किसान संगठनों को केवल विपक्षी राजनीतिक दलों ने उकसा रखा है। लेकिन अब जनता उनके मंसूबों को समझ चुकी है।

फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने समेत 12 मांगों को लेकर आंदोलन पर उतरे किसानों और सरकार के बीच सहमति नहीं बनी है। अब किसानों ने दिल्ली कूच कर दिया है। किसानों के जत्थे पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने हा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है और हम पर आरोप लगते हैं कि हम सड़कें जाम करते हैं। आप देख लीजिए कि सड़कों पर दीवारें खड़े करके रास्ते तो सरकार ने ही रोके हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पंजाब और हरियाणा भारत के राज्य नहीं हैं बल्कि अलग-अलग देश हैं।
किसान नेता ने कहा कि हमारी लंबी बात केंद्र सरकार के मंत्रियों पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा से हुई है। इस दौरान मंत्रियों किसानों पर लगे मुकदम हटाने की बात कही है। कुछ और बातें भी मान ली हैं। लेकिन किसान और मजदूर के कर्ज माफ करने और MSP पर गारंटी वाले कानून पर सहमति नहीं बनी है। सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि मंत्रियों ने वार्ता के दौरान कहा कि हम एमएसपी को लेकर कमेटी बना देंगे। हमारी इससे असहमति है। आखिर इस मामले में कमेटी बनाने की क्या जरूरत है। आपकी सरकार है, सीधे नोटिफिकिशेन जारी किया जाए। इसके अलावा कर्जमाफी को लेकर सरकार का कहना था कि हम देखेंगे कि कितना कर्ज है। इस पर भी सरकार पहले ऐलान करे और फिर आगे प्रक्रिया करती रहे। पंढेर ने आरोप लगाया कि हरियाणा में किसानों का उत्पीड़न हो रहा है। उन्हें धमकी दी जा रही है कि आंदोलन में न जाएं वरना उनके बच्चों को पढ़ने नहीं दिया जाएगा। उनकी नौकरी पर असर होगा। इसके अलावा पासपोर्ट भी वापस लेने की धमकी दी जा रही है। किसान नेताओं ने कहा कि एमएसपी को लेकर दो सालों से कमेटी बनाने की बात हो रही है। अब हमें ऐसी बातों पर यकीन नहीं है। इस तरह की वादे सिर्फ हमारे आंदोलन को टालने के लिए हो रहे हैं। मीडिया से अपील- हम किसी पार्टी के नहीं, किसान और मजदूर के साथ

किसान नेताओं ने इस बीच मीडिया से भी अपील की है कि उनके आंदोलन को राजनीतिक न कहा जाए। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस से जुड़े नहीं हैं। हमारा लेफ्ट से भी कोई तालमेल नहीं है। कांग्रेस के राज में भी किसानों के साथ न्याय नहीं हुआ। अब भी नहीं हो रहा है। हम न तो भाजपा के खिलाफ हैं और न ही कांग्रेस के। हमारी मांगों को स्वीकार कर लिया जाए। हम देश के ही किसान हैं और हम किसान एवं मजदूर की आवाज उठाने के लिए सड़कों पर उतरे हैं।

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