अयोध्या का रामपथ पहली ही बारिश में ही कई जगह से धंस गया है । जगह-जगह हुए गड्ढे हो गए है जिससे पता चल रहा है कि इसका निर्माण ठीक से नहीं हुआ है।
राम मंदिर के अलावा हनुमान गढ़ी, बिरला धर्मशाला और राम की पैड़ी को जोड़ने वाली 13 किलोमीटर की यह सड़क पहली ही बारिश में 13 जगह से धंस गई है। 
शुक्रवार रात को यूपी सरकार ने पहले PWD के 3 अफसरों को सस्पेंड किया। कुछ देर बाद इस सड़क का सीवर बनाने वाली अहमदाबाद की कंपनी को नोटिस जारी किया गया। थोड़ी देर बाद जल निगम के 3 अफसरों को भी सस्पेंड किया गया।
12.94 किमी के रामपथ पर कई गड्‌ढे तो 8 फीट से ज्यादा गहरे हो गए थे। सबसे ज्यादा सड़क की खराब  हालत पोस्ट ऑफिस तिराहे से रिकाबगंज चौराहे के बीच दिखी। यहां सबसे ज्यादा सड़क धंसी है। यह वह हिस्सा है जिसे सबसे आखिरी में बनाया गया था।
सड़क पर ज्यादातर गड्‌ढे मेनहोल के आसपास हुए हैं। JCB जब गड्ढे को पाटने पहुंची तो सड़क उसका वजन भी सह नहीं पाई। सड़क दरकने लगी। सड़क धंसने के चलते यहां से गुजरने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

PWD के इन 3 अधिकारियो को किया सस्पेंड 

ध्रुव अग्रवाल (एग्जीक्यूटिव इंजीनियर): रामपथ के प्रोजेक्ट हेड थे। काम पर नजर रखना और टीम को आवश्यक दिशा-निर्देश देना था। बजट रिलीज करने की जिम्मेदारी थी।

अनुज देशवाल (असिस्टेंट इंजीनियर): टेक्निकल निरीक्षण कर दिशा-निर्देश देना था। सड़क निर्माण में इस्तेमाल मटेरियल की जांच करना।

 

 

प्रभात पांडेय (जूनियर इंजीनियर): काम का रोजाना निरीक्षण कर उन्हें जरूरी निर्देश देना था। साथ ही काम पूरा होने पर अनुशंसा रिपोर्ट लगाना।

जल निगम के 3 अधिकारी हुए सस्पेंड

आनंद कुमार दुबे (एग्जीक्यूटिव इंजीनियर): इनका काम सीवर और ड्रेनेज की निगरानी करना। नई पाइप लाइन का निरीक्षण करना।

राजेंद्र कुमार यादव (असिस्टेंट इंजीनियर): ग्राउंड लेवल पर काम को देखना। काम करने वाली कंपनी को दिशा-निर्देश देना।

मोहम्मद शाहिद (जूनियर इंजीनियर): रोजाना काम का निरीक्षण करना। टेक्निकल पाइंट को ध्यान में रखते हुए बारीकी से जांच करना। ​​​​​

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