देश में 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का निमोनिया सबसे बड़ा कारण है। इसलिए घरेलू उपचार में समय न गंवाए। निमोनिया के लक्षण पहचान कर बच्चे को तुरंत स्वास्थ्य कार्यकर्ता या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में लेजाएं। निमोनिया के लक्षणों में खांसी और जुकाम का बढ़ना, तेजी से सांस लेना, सांस लेते समय पसली चलना या छाती का नीचे धंसना, तेज बुखार आना आदि शामिल है। सांस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों को इस गंभीर बीमारी से बचाना है तथा अभिभावकों को जागरूक करना है। निमोनिया नहीं तो बचपन सही के तहत नागरिकों को निमोनिया बारे जागरूक किया जा रहा है।
रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा थैलेसीमिया से प्रभावित बच्चों के लिए 2 जनवरी को रेडक्रॉस भवन में आयोजित होने वाले रक्तदान शिविर का शुभारंभ नगराधीश अंकित कुमार करेंगे।
रेडक्रॉस सचिव श्याम सुंदर ने बताया कि जिला के 40 से अधिक गांव के युवा इस रक्तदान शिविर में रक्तदान करेंगे। रक्तदान शिविर में रक्तदान करने वाले सभी युवाओं को नगराधीश अंकित कुमार द्वारा रक्तदाता प्रमाण पत्र एवं बेज देकर सम्मानित किया जाएगा। इस रक्तदान शिविर में पी जी आई ब्लड बैंक की टीम रक्त एकत्रित करेगी। इस रक्तदान शिविर में विभिन्न गांव के युवाओं के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं रेडक्रॉस आजीवन सदस्य द्वारा भी रक्तदान किया जायेगा। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि रक्तदान करने के इच्छुक युवा 2 जनवरी को स्थानीय रेडक्रॉस भवन पहुंचकर रक्तदान कर सकते हैं।