उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी की तरफ से अपने पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को चुनाव संघर्ष और एजेंडे को लेकर बुकलेट बाटी गई। जिसमें बसपा सुप्रीमो मायावती के द्वारा यह दावा किया गया है कि लोकसभा चुनाव 2019 में गठबंधन करने के बावजूद महज पांच सीटें मिली तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायावती का फोन उठाना बंद कर दिया था।
बुकलेट में मायावती ने लिखा है कि 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो सपा को पांच और बसपा को 10 सीटें मिली। इस वजह से दुःखी होकर बसपा से आगे संबंध बनाए रखना तो दूर सपा मुख्य अखिलेश यादव ने मेरा और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का फोन भी उठाना बंद कर दिया था। पार्टी को अपना स्वाभिमान बरकरार रखते हुए सपा से अलग होना पड़ा। इस बुकलेट में सपा के साथ दोनों बार हुए गठबंधन और उसे टूटने की वजह बताई है।
बसपा के द्वारा दी गई इस बुकलेट में साफ किया गया है कि सपा से दोबारा 2019 में गठबंधन क्यों किया? लिखा है कि यूपी में बीजेपी को रोकने के लिए अखिलेश ने अपनी पार्टी की पिछली गलतियों को भुलाकर फिर से गठबंधन करने का एक और मौका देने की बात कही थी।

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