गांव छतैहरा में ड्रेन की खोदाई करने और पटरी से मिट्टी उठाने पर किसानों ने एतराज जताया। किसानों ने कहा कि पटरी पर उगे सैकड़ों पेड़ बर्बाद हो जाएंगे। यहां किसानों की पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हो जाएंगी। भारतीय किसान यूनियन और कांग्रेस के नेता भी मौके पर पहुंचे। नेताओं ने किसानों की सहमति से काम करवाने को कहा।
नई नाला ड्रेन गांव छतैहरा माजरा, मातंड और सिवानका से गुजरती है। सिंचाई विभाग द्वारा इस ड्रेन में वर्षा के दोरान पानी भंडारण का प्रोजेक्ट तैयार करवाया जा रहा है। इसके लिए पटरी के दोनों तरफ अंदर से पक्का करवाया जाएगा। ड्रेन की गहराई को बढ़ाया जाएगा। इस ड्रेन के नीचे से कई किसानों ने पाइप लाइन दबा रखी है। ड्रेन की पटरी के साथ ट्यूबवेल भी लगाए गए हैं। खोदाई के दौरान पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। किसानों का कहना है कि एजेंसी द्वारा पटरी से भी मिट्टी उठवाई जा रही है। किसानों ने शुक्रवार को इस पर एतराज जताया। भारतीय किसान यूनियन चढूनी के जिला अध्यक्ष अशोक लठवाल, जिला महासचिव राजमल रुखी और कांग्रेस के राष्ट्रीय किसान प्रकोष्ठ के वरिष्ठ नेता रणदीप मलिक मौके पर पहुंचे। नेताओं ने कहा कि किसानों की सहमति से काम होना चाहिए।  दूसरी तरफ सिंचाई विभाग के एसडीओ अक्षय ने कहा कि नई नाला ड्रेन की पटरी के अंदर के हिस्से को कंक्रीट का पक्का बनाया जाएगा। ड्रेन की गहराई बढ़ाई जाएगी। इस ड्रेन में वर्षा के दौरान पानी भंडारण की व्यवस्था की जाएगी। बाद में किसान उस पानी से सिंचाई कर सकेंगे। किसानों को ही फायदा होगा। टेंडर में ही यह अनुबंध है कि ड्रेन की खोदाई के दौरान जो अतिरिक्त मिट्टी निकलेगी उसकी बिक्री की जाएगी।

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