प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार तीसरी बार बनी एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल में सात महिला मंत्रियों को जगह मिली है। प्रधानमंत्री ने पूर्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर एक बार फिर भरोसा दिखाया है। सीतारमण के अलावा पूर्व राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी, उत्तर प्रदेश से निर्वाचित अनुप्रिया पटेल और कर्नाटक से निर्वाचित शोभा करंदलाजे को एक बार फिर मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। पहली बार मंत्री बनने वाली महिला नेताओं में 37 वर्षीय रक्षा निखिल खड़से का नाम भी शामिल है। इनकी चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि ये इस कैबिनेट में सबसे युवा महिला मंत्री हैं। इनके अलावा सावित्री ठाकुर और निमूबेन बंभानिया को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
1. निर्मला सीतारमण
पूर्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर भरोसा दिखाया है। उन्हें एक बार फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है।
2. अन्नपूर्णा देवी
पांच साल पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुईं अन्नपूर्णा देवी एक बार फिर मंत्री बनाई गई हैं। झारखंड की कोडरमा सीट से चुनाव जीतने के बाद संसद पहुंचीं अन्नपूर्णा की गिनती आज भाजपा की कद्दावर महिला नेताओं में होती है।
3. शोभा करंदलाजे
कर्नाटक से निर्वाचित भाजपा की महिला सांसद शोभा करंदलाजे पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की करीबी मानी जाती हैं। उन्हें मंत्रिमंडल में एक बार फिर शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में शोभा के पास कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के साथ-साथ खाद्य और प्रसंस्करण मंत्रालय था।
4. रक्षा खड़से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुईं खडसे दूसरी सबसे युवा मंत्री हैं। वह 37 साल की हैं और उन्होंने कंप्यूटर साइंस से बीएससी तक की पढ़ाई की है। उनसे पहले के. राम मोहन नायडू (36 वर्षीय) सबसे युवा मंत्री हैं। खडसे मात्र 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बनीं थीं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एकनाथ खड़से की बहू हैं। उनकी शादी निखिल खडसे से हुई थी। लेकिन निखिल की मृत्यु हो गई। निखिल ने साल 2013 में खुद को गोली मार ली थी।
5. अनुप्रिया पटेल
उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर सीट से नवनिर्वाचित लोकसभा सांसद और अपना दल (सोनेलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल ने राज्य मंत्री के रूप में मंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने लोकसभा का लगातार तीसरी बार चुनाव जीता है। अनुप्रिया पहले भी राज्य मंत्री रह चुकी हैं।
6. सावित्री ठाकुर
सांसद सावित्री ठाकुर का जन्म 1 जून 1978 को हुआ था। वे RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की पृष्ठभूमि से आती हैं। मध्य प्रदेश के धार लोकसभा सीट से दो लाख से अधिक वोटों से जीतने वालीं सांसद सावित्री ठाकुर को मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। मोदी 3.0 में उन्हें मंत्री बनाया गया है। चुनाव में सावित्री ने कांग्रेस उम्मीदवार राधेश्याम मुवेल को करारी शिकस्त दी थी।
7. निमूबेन बंभानिया
गुजरात से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचने वाली भारतीय जनता पार्टी की 57 वर्षीय सांसद निमूबेन बंभानिया को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। निमूबेन बंभानिया को राज्य मंत्री बनाया गया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के उमेश मकवाना को 4.55 लाख मतों के बड़े अंतर से हराया है। वे 2009-10 और 2015-18 के बीच भावनगर की मेयर के रूप में भी काम कर चुकी हैं। 2013 से 2021 के बीच भाजपा महिला मोर्चा की गुजरात इकाई की उपाध्यक्ष रहीं, पूर्व शिक्षक बंभानिया 2004 में भाजपा में शामिल हुईं। बंभानिया ओबीसी कोली समुदाय से आती हैं। उनके पति भावनगर में एक स्कूल चलाते हैं।
1. निर्मला सीतारमण
पूर्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर भरोसा दिखाया है। उन्हें एक बार फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है।
2. अन्नपूर्णा देवी
पांच साल पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुईं अन्नपूर्णा देवी एक बार फिर मंत्री बनाई गई हैं। झारखंड की कोडरमा सीट से चुनाव जीतने के बाद संसद पहुंचीं अन्नपूर्णा की गिनती आज भाजपा की कद्दावर महिला नेताओं में होती है।
3. शोभा करंदलाजे
कर्नाटक से निर्वाचित भाजपा की महिला सांसद शोभा करंदलाजे पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की करीबी मानी जाती हैं। उन्हें मंत्रिमंडल में एक बार फिर शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में शोभा के पास कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के साथ-साथ खाद्य और प्रसंस्करण मंत्रालय था।
4. रक्षा खड़से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुईं खडसे दूसरी सबसे युवा मंत्री हैं। वह 37 साल की हैं और उन्होंने कंप्यूटर साइंस से बीएससी तक की पढ़ाई की है। उनसे पहले के. राम मोहन नायडू (36 वर्षीय) सबसे युवा मंत्री हैं। खडसे मात्र 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बनीं थीं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एकनाथ खड़से की बहू हैं। उनकी शादी निखिल खडसे से हुई थी। लेकिन निखिल की मृत्यु हो गई। निखिल ने साल 2013 में खुद को गोली मार ली थी।
5. अनुप्रिया पटेल
उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर सीट से नवनिर्वाचित लोकसभा सांसद और अपना दल (सोनेलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल ने राज्य मंत्री के रूप में मंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने लोकसभा का लगातार तीसरी बार चुनाव जीता है। अनुप्रिया पहले भी राज्य मंत्री रह चुकी हैं।
6. सावित्री ठाकुर
सांसद सावित्री ठाकुर का जन्म 1 जून 1978 को हुआ था। वे RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की पृष्ठभूमि से आती हैं। मध्य प्रदेश के धार लोकसभा सीट से दो लाख से अधिक वोटों से जीतने वालीं सांसद सावित्री ठाकुर को मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। मोदी 3.0 में उन्हें मंत्री बनाया गया है। चुनाव में सावित्री ने कांग्रेस उम्मीदवार राधेश्याम मुवेल को करारी शिकस्त दी थी।
7. निमूबेन बंभानिया
गुजरात से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचने वाली भारतीय जनता पार्टी की 57 वर्षीय सांसद निमूबेन बंभानिया को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। निमूबेन बंभानिया को राज्य मंत्री बनाया गया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के उमेश मकवाना को 4.55 लाख मतों के बड़े अंतर से हराया है। वे 2009-10 और 2015-18 के बीच भावनगर की मेयर के रूप में भी काम कर चुकी हैं। 2013 से 2021 के बीच भाजपा महिला मोर्चा की गुजरात इकाई की उपाध्यक्ष रहीं, पूर्व शिक्षक बंभानिया 2004 में भाजपा में शामिल हुईं। बंभानिया ओबीसी कोली समुदाय से आती हैं। उनके पति भावनगर में एक स्कूल चलाते हैं।