मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में राज्यमंत्री बने सुरेश गोपी कैबिनेट में नहीं रहना चाहते हैं। शपथ ग्रहण समारोह के बाद गोपी ने दिल्ली में मलयालम टीवी चैनल से कहा, मैं एक सांसद के रूप में काम करना चाहता हूं। मैं कैबिनेट का हिस्सा बनना नहीं चाहता था। मुझे इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। मैंने इस बारे में पार्टी को भी बता दिया है। लगता है कि मैं जल्द ही मुक्त हो जाऊंगा। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद ही गोपी ने कहा था कि वे फिल्म इंडस्ट्री नहीं छोड़ेंगे क्योंकि एक्टिंग उनका जुनून है। उनके पास पहले से ही कुछ फिल्म प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं।
बता दे कि सुरेश गोपी केरल से भाजपा के पहले सांसद हैं। उन्होंने त्रिशूर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और सीपीआई के सुनील कुमार को करीब 75 हजार वोटों से हराया है।
सुरेश ने 1965 में चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी की लगभग 250 फिल्मों में काम किया है। 1992 से 1995 तक उन्हें सुपरस्टार का टैग मिला था। 1998 में उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड और केरल राज्य अवॉर्ड मिला था। वे बीजेपी के राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं।