कांग्रेस से गोहाना विधानसभा क्षेत्र के विधायक जगबीर सिंह मलिक ने कहा कि शहर में बाईपास और गोहाना को जिला बनाने को लेकर विधानसभा में सरकारी के मंत्री स्पष्ट मना कर चुके हैं। उनके द्वारा लिखित में मांगे गए सवालों के जवाब बाकायदा लिखित में ही दिए गए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को गोहाना में संत कबीर जयंती पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में गोहाना के लिए वही पुराने घोषणाएं की, जिनको पूरा करने से पहले मना किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने ऐसा करके लोगों को भ्रम में डालने और प्रापर्टी डीलरों को फायदा पहुंचाने के लिए किया। मलिक ने रविवार को यह बात पत्रकारों को बताई।
 विधायक जगबीर सिंह मलिक ने कहा कि 2015 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गोहाना में बाईपास बनवाने की घोषणा की थी। कुछ समय बाद उन्होंने विधानसभा में सवाल उठाया तो उस समय संबंधित विभाग के मंत्री ने लिखित में जवाब दिया था कि उच्च लागत के कारण बाईपास बनाना व्यवहारिक नहीं समझा जाता है। 2023 में इस प्रोजेक्ट को रद कर दिया गया था। विधानसभा में ही भाजपा की सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि गोहाना को जिला बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। विधायक मलिक ने समान विकास का दावा करने वाले भाजपा नेताओं को चुनौती दी कि वे बताएं 10 साल में गोहाना में किसी एक प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया और उसे पूरा करके उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गोहाना में जिस छात्रावास के लिए 31 लाख रुपये की घोषणा की गई, उसी के लिए कांग्रेस ने लगभग एक करोड़ रुपये दिए। यह छात्रावास ठसका की पंचायती भूमि पर है, जिसके चलते कांग्रेस सरकार में मंजूर हुए एक करोड़ रुपये में से 50 लाख पंचायत के खाते में गए थे। मुख्यमंत्री की गोहाना में बाईपास बनाने की घोषणा पर विधायक ने कहा कि जमीन फ्री में कौन देगा, इसके लिए जमीन अधिग्रहण करनी पड़ेगी।

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